नगर निगम सीमा क्षेत्र में अब डेयरियां नहीं चलेंगी। नगर निगम ने सोमवार को 400 डेयरियों को चिह्नित कर उनके संचालकों के खिलाफ तहरीर दी हैं। सभी के खिलाफ प्रदूषण अधिनियम और पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज कंट्रोल एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। सबसे ज्यादा 247 डेयरियां सिटी जोन क्षेत्र में चिह्नित की गई हैं।
बीते दिनों लखनऊ में हुई बैठक में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने भी शहरी क्षेत्रों में संचालित हो रहीं डेयरियों पर नाराजगी जताई थी और उन्हें निगम सीमा से बाहर किए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर निगम ने डेयरियों का सर्वे कराया। नगर निगम ने फिलहाल 400 डेयरियों को चिह्नित किया है। इन डेयरियों से गोबर और मलबा नालों व सीवर लाइनों में बहाया जा रहा है। इसकी वजह से प्रदूषण के साथ-साथ पब्लिक प्रॉपर्टी को भी नुकसान पहुंच रहा है। गोबर की वजह से सीवर-नाले अक्सर जाम हो जाते हैं और पानी कालोनियों में ओवरफ्लो होने लगता है। अब नगर निगम ने इन डेयरियों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए अलग-अलग थानों में तहरीर दी है।
इन क्षेत्रों में चल रही अवैध डेयरियां
कोटगांव, नासिरपुर, कैला भट्ठा, नेहरू नगर, गांधी नगर, नूरनगर, सद्दीक नगर, नंदग्राम, विवेकानंद नगर, शास्त्री नगर, गोविंदपुरम, चिरंजीव विहार, अवंतिका, राकेश मार्ग, घूकना, हरवंश नगर, शहीद नगर, पसौंडा, राजेंद्र नगर, गरिमा गार्डन, मकनपुर, इंदिरापुरम, साहिबाबाद गांव, महाराजपुर, ब्रिज विहार, सूर्य नगर, चंद्रनगर, भोवापुर आदि।
इन जोन में डेयरी संचालकों पर होगी एफआईआर
सिटी जोन 247
कविनगर जोन 110
मोहन नगर जोन 08
वसुंधरा जोन 35
अन्य डेयरियों को भी चिह्नित कराएगा नगर निगम
निगम अधिकारियों के मुताबिक शहर में करीब 1500 डेयरियां संचालित हो रही हैं। इसके लिए न तो निगम ने अनुमति दी है और न ही पशु पालन के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। इनमें से फिलहाल 400 डेयरियों को चिह्नित कर लिया गया है। अन्य डेयरियों को संचालित कराने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही बड़ी संख्या में डेयरी संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
400 डेरी संचालकों पर नगर निगम ने दर्ज कराई एफआईआर