जिनकी उंगली पकड़कर कभी चलना सीखे थे। वे शहर की चकाचौंध में मानो अंधे हो गए। मां-बाप को गांव से शहर बुलाया भी तो सिर्फ इस खातिर खुद बाहर जाकर इंज्वॉय कर सकें। जब बूढ़े मां-बाप की सेवा की बारी आई तो बेटे और बहू ने वृद्घाश्रम पहुंचा दिया।
कई बच्चों के माता-पिता दूसरे के ऊपर आश्रित हो गए। नन्हे-मुन्नों ने इस तस्वीर को बयां करने के बाद अपने मम्मी-पापा को भी आगे की यही तस्वीर दिखाई तो हर कोई भावुक हो उठा। नाती-पोतों के इस आयोजन में शामिल होने आए हर बुजुर्ग की आंख नम हो गई।
ये नजारा था मंगलवार को कैंट स्थित केंद्रीय विद्यालय पंजाब लाइंस में वरिष्ठ अभिभावक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का। प्राइमरी विंग में छात्र-छात्राओं ने ऐसी प्रस्तुतियां देकर हर किसी को भावुक कर दिया। अपनी प्रस्तुतियों से संदेश दिया कि अगर आप अपने बुजुर्गों के साथ ऐसा करते हैं तो आने वाले कल में आपके साथ भी ऐसा ही कुछ सामने आएगा।