अर्थला झील की जमीन खाली कराने के लिए जल्द ही फिर बुलडोजर चलाए जाने की तैयारी है। सोमवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने आवास विकास परिषद की ओर से रिपोर्ट फाइल न किए जाने पर नाराजगी जताई। झील में दो खसरा नंबर आवास विकास परिषद के भी शामिल हैं। एनजीटी ने अब 8 जनवरी तक आवास विकास परिषद और प्रशासन व निगम से रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए हैं।
नगर निगम ने एनजीटी के आदेश पर अर्थला झील की जमीन पर बने करीब 500 मकानों को चिह्नित किया था। एनजीटी की सख्ती के बाद निगम ने आंशिक कार्रवाई कर करीब 80 पक्के निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद निगम को न तो पुलिस बल मिला और न ही मजिस्ट्रेट, जिसके चलते अर्थला झील पर बने पक्के निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो पाई। दूसरी ओर, आवास विकास परिषद के अधिकार क्षेत्र वाले दो खसरा नंबरों के संबंध में आविप को रिपोर्ट फाइल करनी थी, लेकिन नहीं की। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने इस पर नाराजगी जताते हुए आवास विकास परिषद को 8 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट फाइल करने के लिए आदेश दिए हैं। वहीं, इस मामले में प्रभावित लोगों ने भी केस में पार्टी बनने के लिए एनजीटी में याचिका दाखिल की थी। एनजीटी ने उनकी याचिका खारिज कर दी है।
निगम ने अतिक्रमण हटाने के लिए मांगी फोर्स
नगर निगम के अपर नगरायुक्त व संपत्ति प्रभारी आरएन पांडेय का कहना है कि उन्होंने अर्थला समेत कई अन्य स्थानों पर सरकारी जमीनों को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए पुलिस बल की मांग की है। पुलिस बल उपलब्ध होते ही अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
अर्थला में फिर चलेगा नगर निगम का बुल्डोजर